मेरी कहानी
मैं आप सभी से अपने बारे में कुछ बताना चाहती हूँ
मैं जानती हूँ की आज कल वक़्त इतना फास्ट चल रहा है की आप को पल भर के
लिए भी रोकना और यह कहना की रुको और मेरी कहानी सुनो तो यह शायद बेवकूफी होगी
मगर, अगर मैं मैं आप सभी से कुछ ऐसा कहेना चाहूँ जिसे आप सिर्फ सुनना ही नहीं
चाहेंगे लेकिन कुछ हद्द तक "अपनी ही दास्ताँ मेरी ज़ुबानी" सोंचने पर मजबूर हो जायेंगे
तो क्या अब भी आप कुछ पल रुकना नहीं चाहेंगे ?
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